Saturday, September 20, 2008

L O V E


इश्क [I]

Online प्रेम यूं  तो होते रहते है , मगर एक teenage 'ब्लोगरी' का एक teenage ब्लोगर से मामला थोड़ा रोचक है। एक इंटरव्यू की शक्ल में हाज़िर है:-

# m.h. : तुम क्यो ' सचित्र की तरफ़ आकर्षित हुई?
#ब्लोगरी : क्योंकि वह विचित्र नही है
# m.h. : क्या विचित्रता नही उसमे?
# ब्लोगरी : कुछ भी नही , बिल्कुल मेरी तरह सोचते है !
#m. h. : कौनसी सोच उसकी आप से मिलती है?
# ब्लोगरी : उनको वही 'गाने' पसंद है जो मुझे पसंद है।
# m.h. : और कोई common बात?
# ब्लोगरी: उसके system में भी LogMein software है, मुझे अपने सिस्टम में access कर ने की permission दे दी !
#m.h. : दिल में समाने [ access] की कौशिश नही की आप दोनों ने ?
# ब्लोगरी : अरे वोह Heart ? मुठ्ठी भर का ? खून ही पम्पिंग करता रहता है , चौबीसों घंटे, हम उसपे depend नही रह सकते । एक राज़ की बात बताऊँ ? उनकी हार्ड डिस्क में अभी भी ४० gb. स्पेस फ्री है,मेरी पसंद के सारे गाने उसमे आ जायेंगे।
# m. h. : तुमको ये हार्ट का function & limitations कैसे मालूम हुए?
# ब्लोगरी : अरे ! उसी ने तो हमारा मिलन करवाया ।
#m. h. : कैसे ?
# ब्लोगरी: metric के एक्जाम में मुझे इस साल हार्ट पर एक प्रोजेक्ट बनाना था। नेट पर heart click किया तो heart title का ब्लॉग भी मिला सचित्र का लिखा हुआ।
# m.h. : क्या लिखा था उसने?
# ब्लोगरी:पूरा तो याद नही, कुछ इस तरह था:-
"एक मुठ्ठी खून तुम फेंका किए,  हम न जाने क्या तुम्हे समझा किए" .
# m.h. : 'मार्मिक' ? ...यहीं  कमेन्ट दिया ना तुमने?
# ब्लोगरी: कमेन्ट क्या देना अपनी पूरी हार्ड डिस्क सौंप दी उनको, access करने के लिए।

इस इंटरव्यू से में इतना हट - प्रभ हूँ कि , अभी सचित्र से इंटरव्यू लेने की हिम्मत नही ।
ब्लोगरी ने अपना नाम इसी शर्त पर बताया है की सचित्र को पता न लगे । उसके लिए
ये एक बड़ा suspense है ।
आप भी सचित्र से इंटरव्यू लेने तक सब्र रखे।


-मंसूर अली हाश्मी,

  नैत्रकार [नेट पर आँखे गढाए रखने वाले]

4 comments:

आशीष "अंशुमाली" said...

एक मुठ्ठी खून तुम फेंका किए, हम न जाने क्या तुम्हे समझा किए" ।
वाकई मार्मिक।

दिनेशराय द्विवेदी said...

सचित्र के इंटरव्यू की प्रतीक्षा करेंगे। ब्लागरी ने अच्छे उत्तर दिए।

Udan Tashtari said...

सही है साहब!! :)

seema gupta said...

"ha ha ha , bhut khub"

Regards