येब्बात है........!
[आज तक का non-commercial(?) धार्मिक Sting Operation!!!]
मतलब नहीं वह आयी 'इधर' से या 'उधर' से.
'काला' 'सफ़ेद' होना गो मुश्किल बहुत मगर,
'श्रद्धेय' इसे करते है बस बाएं ही 'कर' से.
टेंडर की ज़रूरत नहीं 'ठेकों' के वास्ते,
'श्रद्धा' के 'सुमन' लाईये भक्ति की 'डगर' से.
आतंकियों की ख़ैर नहीं अबतो देश में,
'महाराज' ढूँढ़ लाएंगे 'संजय' की नज़र से.
निपटाना हो किसी को तो Gun की नही ज़रूर,
हो जाएगा ये काम अब 'काली' के कहर से.
यह Media भी ख़ूब गज़ब करता है यारों,
'आश्रम' को भी करता है 'हरम' अपने हुनर से.
दर्शक भी भक्त भी सभी लगते ठगे-ठगे,
T.R.P. चढ़ी तो 'गुरुजन' के असर से.
mansoorali hashmi