क्यूँ चारो तरफ फैला है भरम?
'अन्ना' पे करम, 'बाबा' पे सितम ,
'अम्मा' इस तरह करना न ज़ुलम!
'पैसा' है सनम, 'योगा' से शरम,
'मन'* है तुझको कैसा ये भरम ? [*PM]
'भगवे' से हुआ ख़तरा पैदा,
'शलवार'* ने रखली 'उनकी' शरम. *[बाबा रामदेव]
रक्षा करना थी देश की जब,
'आँचल' को बना डाला परचम.
स्वागत करके लाये थे जिसे,
छोड़ा उसको हरि के द्वारम.
'सेवा' करना ही जिनका 'धरम'.
-- mansoor ali hashmi