एक दे , होता डबल ! है, आजकल
['शब्दों का सफ़र' का 'बेंडा' शब्द भी ब्लॉग रचने में सहायक होता है !...http://shabdavali.blogspot.com]
'हाथी-गेंडे' छल रहे है आजकल.
एड़े-गैरे की यहाँ पर पूछ है,
वड्डे-वड्डे जल रहे है आजकल.
'येड़े' बालीवुड में होते है सफल,
हीरो को देखा विफल है आजकल.
मूर्खता और बुद्धिमत्ता साथ-साथ,
अर्थ 'येड़ा' के डबल है आजकल.
‘एड्डु’- ‘इड्डु’ रह गए पीछे बहुत,
"येद्दू-रेड्डी" ही 'कमल' है आजकल !
बातें 'समृद्धि' की है चारो तरफ !
नेत्र 'माँ' के क्यों सजल है आजकल ?
ऐसे-वैसे, कैसे-कैसे हो रहे !
रत्ती, माशा भी 'रतल'* है आजकल. (* १ पाउंड/आधा सेर)
बिजली का संकट यहाँ पर इन दिनों,
सूने-सूने नल रहे है आजकल.
'हाथ' तो 'हाथी' कभी, जो अब 'कमल',
दल-बदल ही दल-बदल है आजकल.
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Mansoor ali Hashmi