'धोया' किसी ने भी हो 'सुखाया' हमीं ने है !
गणतंत्र का मज़ाक उड़ाया हमीं ने है,
भ्रष्टो को सर पे अपने बिठाया हमीं ने है.
जो लूट कर चले गए, वो तो थे ग़ैर ही,
फिर उसके बाद; लूट के खाया हमीं ने है.
खेलो में हार-जीत तो होती ही रहती है !
दोनों ही सूरतो में कमाया हमीं ने है !!
"घोटाला करके बच नहीं सकता कोई यहाँ"
इस 'सच' को कईं बार 'झुठाया' हमीं ने है !
'थप्पड़' भी खाके, दूसरा करते है 'गाल' पेश,
घर जाके 'बादशा'* को मनाया हमीं ने है. *SRK
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--mansoor ali hashmi