डबल सिक्स [66 ]
मैं डॉलर के बराबर था , 'डबल छक्का'* बना डाला , *$ 1 = Rs. 66
कभी चांदी का सिक्का था, मुझे 'कोयला' बना डाला।
हमीं ने आदमी को संत, फिर 'भगवन' बना डाला ,
उसी ने 'संस्कारों' को ही मिटटी में मिला डाला .
दिखेगा आज* 'मंगल' भी फलक पर 'चाँद' के हमराह , *२७ अगस्त'१३
'चकोरो' ने सरे ही शाम से डेरा यहाँ डाला।
मिली जो 'वोट' की ताक़त, उसी का सौदा कर डाला ,
कभी 'धर्मो' की खातिर तो कभी 'ज़र' में बदल डाला।
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--Mansoor ali Hashmi