कम करदी
उनके शीरी थे सुखन हम ने शकर कम करदी,
रक्त का चाप बढ़ा, हमने फिकर कम करदी।
बढ़ते दामो ने बिगाड़ा है बजट क्या कीजे,
तंग जब पेंट हुई, हमने कमर कम करदी।
महंगी चीजों से हुआ इश्क, ख़ुदा ख़ैरकरे,
उनको उल्फत थी उधर, हमने इधर कम करदी।
अब ''फ्लू'' फूला-फला है तो अजब क्या इसमे !
चाँद को पाने में धरती पे नज़र कम करदी।
दीद के बदले सदा* छींकों की सुनली जबसे,
उनके कूंचे से अभी हमने गुज़र कम करदी
उनके कूंचे से अभी हमने गुज़र कम करदी
*गूँज
-मंसूर अली हाशमी
-मंसूर अली हाशमी