"कमाल तकियाकलाम का"- वडनेरकर जी के 'तकिये' पर मेरा 'कलाम' मुलाहिजा फरमाए:-
क्या कह रहे है आप !
[तकिया कलाम मुझको बहुत नापसंद है,
सुनलो ! कि अपनी बात मै दोहराता नहीं हूँ.]
फिक्सिंग का बोल-बाला है, "क्या कह रहे है आप !"
'छक्के' पे नाचे 'बाला' है, "क्या कह रहे है आप !"'
सच्चे का मुंह काला है, "क्या कह रहे है आप !"
डाकू के हाथ 'माला' है, "क्या कह रहे है आप !"
'ठंडा', 'गरम-मसाला' है, "क्या कह रहे है आप !"
'नेता' भी उनका 'साला' है, "क्या कह रहे है आप !"
'रुपया' हमारा 'काला' है, "क्या कह रहे है आप !"
'बाबाओं' से घोटाला है, "क्या कह रहे है आप !"
'आदर्श'{!} इकत्तीस 'माला' है, "क्या कह रहे है आप !"
'मुन्सिफ' के मुंह पे ताला है, ''क्या कह रहे है आप !"
लैला ने कुत्ता पाला है, "क्या कह रहे है आप !"
पक्की सड़क पे नाला है, "क्या कह रहे है आप !"
'मन-मोहिनी' दिवाला है, "क्या कह रहे है आप !"
'धंधा' तो बस, 'हवाला' है, "क्या कह रहे है आप !"
'निर्मल' बड़ा निराला है, "क्या कह रहे है आप !"
चारो तरफ ही "जाला" है, "सच कह रहे है आप !"
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चौपाई
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'तकिया' करे 'कलाम' पे फिर चाहते है 'वो'*, *[BJP]
पहले भी ख़ूब गुज़री है, इस 'मेजबाँ' के साथ,
'दादा*-व्-संगमा' तो है "थैली" से एक ही ! *[प्रणब]
शायद के 'पलटे दिन' भी, फिर इस मेहरबाँ के साथ !! ------------------------------ ------------------------------
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mansoor ali hashmi