Sunday, September 14, 2008

Blogging-5

ब्लागियात-5

ब्लोगेर्स पर कुछ और तफसील के साथ उनकी ही लेखनी की रोशनी में, क्षमा प्रार्थना के साथ अगर कोई अतिशयोक्ति हो गई हो :


# भले 'समीर' ने kiss में ब्लॉग पाया है,
   enjoy ख़ुद ने किया,औरो को रिझाया है,
   फिर  उसके बाद सबक नीति का पढाया है,
   फलित हुए है, प्रतिसाद* खूब पाया है।        *comments

*समीर लाल जी को में निम्न टिपण्णी देने से स्वयं को नही रोक पाया:-
"kiss का किस्सा बयान कर डाला,
लब को दिल की जुबान कर डाला,
उड़ते-उड़ते कहाँ ये आ बैठे ,
ख़ुद को cupid गुमान कर डाला।

बात जब अच्छी लग रही थी तभी,
आपने क्या विचार कर डाला,
'तड़का' morality का देकर,
मीठे को भी अचार कर डाला।

संस्कारो की बात कर डाली,
पंडितो की ख़बर भी ले डाली,
रास-लीला के प्लेटफारम से,
पटरी ही आपने बदल डाली।

खूब है आपका मिजाज़ ऐ 'लाल'
रह के परदेस में भी देशी चाल,
सत कथन बोलते रहो हरदम,
है दुआ रब से वो करेगा निहाल।

-मानसूर अली हाश्मी.
*udan-tashtari

2 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

आप सही जा रहे हैं।

Udan Tashtari said...

आपको पढ़कर और विश्लेषण देख आनन्द आ जाता है, बहुत आभार.