Sunday, September 11, 2011

FACE BOOK


किताबी चेहरा....!



फेसबुक पर जो खाता खोला है,

गोपियो ने तो धावा बोला है .

मित्र संख्या है अब हज़ारो में,

उम्र उसकी तो  सिर्फ सोलह है.

दोस्ती का नही है अर्थ पता,

सिर्फ हाय, हलो ही बोला है.

उम्र आधी किसी की दुगनी है,

कोई राधा, कोई रमोला है.



बे-बटन शर्ट, शोर्ट पहने है ,    


हाथ में एक बरफ का गोला है.  

“चित्र’ कितना तुम्हारा सुन्दर है”,

लिख के इतना ही बस टटोला है!


Note: {Picture have been used for educational and non profit activies. If any copyright is violated, kindly inform and we will promptly remove the picture.}

-मंसूर अली हाश्मी


7 comments:

उम्मतें said...

ये माना वो किताब चेहरा हैं
जिनके आगे हुजूम ठहरा है

उनके सिन का हिसाब मत कीजे
अपनी बुझती को आग मत कीजे

उनके हैलो सी अपनी उम्र नहीं
बेवजह कोई रिस्क ना लीजे

बेबटन गोपियां ना कह उट्ठें
बाबा खाना खराब मत कीजे :)

Mansoor ali Hashmi said...

क्या अली साहब, आप तो जाने क्या-क्या सोच बैठे....मैं तो आज कल के बच्चो की बात कर रहा था ! फिर भी...
" सीधी सादी नहीं ये रेखा है,
'कोण' इसमें, 'भुजा' है, 'गोला' है!

उम्मतें said...

@ लेबल ह्यूमरस ,

जी समझा तो वही था पर आपसे छेड़छाड़ का ख्याल जोर मार गया :)

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

बहुत बढिया।

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क्‍यों डराती है पुलिस ?
घर जाने को सूर्पनखा जी, माँग रहा हूँ भिक्षा।

विष्णु बैरागी said...

बन्‍दूक मेरी, कन्‍धा तुम्‍हारा
भरम में न आना, बडा मिठबोला है

दिनेशराय द्विवेदी said...

हर जगह पहुँच है मंसूर के कलाम की।

चंदन कुमार मिश्र said...

अच्छा!