लिखना ज़रूरी है !
लिखो कुछ भी; वो पढ़ने आयेंगे ही,
भले दो शब्द ; पर टिप्याएंगे ही.
समझ में उनके आये या न आये,
प्रशंसा करके वो भर्माएंगे ही.
जो दे गाली, तो समझो प्यार में है!
कभी इस तरह भी तड़पाएंगे ही.
न जाओ उनकी 'साईट' पर कभी तो,
बिला वजह भी वो घबराएंगे ही.
कभी 'यूँही' जो लिखदी बात कोई !
तो धोकर हाथ पीछे पड़जाएंगे ही.
बहुत गहराई है इस 'झील' में तो,
जो उतरे वो तो न 'तर' पाएंगे ही.
ये बे-मतलब सा क्या तुम हांकते हो!
न समझे है न हम समझाएंगे ही !!
लगा है उनको कुछ एसा ही चस्का,
कहो कुछ भी वो सुनने आयेंगे ही.
--mansoor ali hashmi
11 comments:
लगा है उनको कुछ एसा ही चस्का,
कहो कुछ भी वो सुनने आयेंगे ही.
:) :)
क्या बात है हाशमी साहब? जवाब नहीं।
लेकिन हम तारीफ तो करेंगे लेकिन भरमाएंगे नहीं।
लिखें हम सही लाख मगर मुसलमां
समझके वो आएंगे तो हड़काएंगे ही
वो आएंगे तो हड़काएंगे ही
तू प्यार करे या ठुकराए,
हम तो हैं तेरे दीवानों में।
लो जी आ गये टिपियाने....
बहुत खूब :)
( आज आपने टीप के लिए दो शब्दों की बंदिश लगा रखी है )
SACHCHAAI BAYAN KAR DI HAI AAPNE APNI IS RACHNA MEN...BAHUT BADHIYA.
Esto me alegra realmente.
http://www.livefeefa.com/
edges
Bahut sundar.
Shayad ye bhi Aapko pasand aayen- Prevention of thermal pollution , Images of acid rain
bahut sunder rachna h
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