पूछा, की कौन है तू यहाँ कर रहा है क्या?
बोला, निकाल दो तो बताऊँगा माजरा, पहले बता कि गिर के भी तू क्यों नही मरा?
मैं बे शरम हूँ, मरने कि आदत नही मुझे,
अँधा था मैरा दोस्त यहाँ पर पटक गया,
मुझको निकाल देगा तो ईनाम पाएगा!
शासन में एक बहुत बड़ा अफसर हूँ मैं यहाँ.
तुमको ही डूब मरने का जज ने कहा था क्या? कानून से बड़ा कोई अंधा हो तो बता? अच्छा तो ले के आता हूँ ;चुल्लू में जल ज़रा, एक ''आम आदमी'' हूँ, मुझे काम है बड़ा......!