पड्ताल/INVESTIGATION
नाम मे रखा क्या है!
कौन तू बता क्या है?
’मन’ है तू सही लेकिन,
’सुर’ मे ये छुपा क्या है.
कौन है तेरा मालिक?
सब का वो खुदा क्या है!
त्रिशूल, चान्द या क्रास,
हाथ पे गुदा क्या है?
फ़िर से तू विचार ले,
नाम से बुरा क्या है.
धर्म से भला है कुछ,
धर्म से बुरा क्या है?
-मन सुर अली हाशमी
http://aatm-manthan.com
2 comments:
वाह! बहुत खूब संदेश!
सही पैगाम है. आपकी शैली अलग और अनोखी है.
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