प्रजातंत्र का ये त्यौहार !
बे ईमानो की जय-जयकार ,
अबकी तो "ख़ुद" ही सरकार !
'हाथ' कहीं तो 'कमलाकार',
'झाड़' फूँक भी है दरकार ।
बांटना हो जिनका आधार
कर दो उनका बंटाधार।
कौन करे इनका उपचार,
एक अनार -ओ- सौ बीमार।
विषय भूगोल हो या तारीख़,
बात करे है 'भेजामार' .
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तिलक, तराज़ू या तलवार,
किस, किसको मारे जूते चार ?
'बाबर' की औलादो के भी
बिसरादे, क्या अत्याचार ?
'स्याही' धोना सीख ले यार,
वोट करेंगे बारंबार,
बात नही कोई चिंता की,
संग है अपने 'शरद पवार'.
कौन हो अपना तारणहार ?
जीत किसे दे; किसको हार ??
कथनी को करनी में जीता !
सादा जीवन उच्च विचार !!
http://mansooralihashmi.blogspot.in
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