दर पे अपने आज फिर इक थाप है !
रिश्वतों का लेना-देना पाप है !
'ईश्वर' को भूल बैठे लोग याँ
'आसुमल'* का कर रहे अब जाप है। *आसारामो का
आंकड़ो की उलझनो में क्यों पड़े
आजकल परफेक्ट ! 'ज़ीरो' नाप है।
फैसलो पर लग रहे है प्रश्न-चिन्ह?
कोर्ट है, पंचायते है, 'खाप' है
दोस्तों की अब ज़रूरत ही कहाँ ?
पाल रक्खे आस्तीं में सांप है।
टी वी चैनल, ख़बरें हो या कि ब्लॉग,
'आप' है, बस आप है, बस आप है !
सारे 'घपलो' की थी माँ 'बोफोर्स' गर,
'ज़िंक'* को क्या मान ले कि बाप है ? *हिंदुस्तान जिंक scam
'Tea" के कप में आ गया है गर उबाल,
उसकी मंज़िल तो यक़ीनन टॉप है !
--mansoor ali hashmi
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