क्या करे !
'मंसूर' दूर-दूर तलक जा के आ गया,
मॉडर्न हो गए है अब, भगवान् क्या करे!
उनके भी दिल में होते है अरमान क्या करे !!
बेताब हिरनियाँ जो हुई है शिकार को,
अब आप ही बताइये, 'सलमान' क्या करे ?
'रावण' ही अपनी लंका को बैठे लगाए आग,
"प्रभु, बताओ, अब ये हनुमान क्या करे ?"
'आसा' को मिले 'राम' न 'साई' को 'नरायण' ,
अधबीच ही उनको मिल गया शैतान क्या करे!
पैदल ही नापते थे कि गड्डो भरी सड़क,
तिस पर भी बन गया है ये 'चालान' क्या करे.
बेटे विदेश, बेटियाँ ससुराल चल गयी,
सूने पड़े हुए है ये दालान क्या करे !
अग्नि 'उदर' की चूल्हा न घर का जला सकी,
'हाकिम', कि हो रहे है परेशान क्या करे.
'मंसूर' दूर-दूर तलक जा के आ गया,
सब लोग ही मिले उसे अनजान क्या करे !
--mansoor ali hashmi
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