Wednesday, August 25, 2010

कुछ काम करो - कुछ काम करो !

कुछ काम करो - कुछ काम करो !


भ्रष्टाचार   
# "काम न"  करके "वेल्थ" अर्जित कर, [c.w]

   सीख ले आर्ट कुछ तो सर्जित कर.
# दूध का कारोबार 'मंदा' है?
   फिर तो पानी में दूध मिश्रित कर.

हिंदी साहित्य  
# 'बे हयाई' भी अब तो बिकती है,
   'बे वफाई' पे "शोध" मुद्रित कर.
# बहस जब छिड़ गयी 'छिनालो' की,
   कौन  किस से बड़ा ये साबित कर!
# गाली देकर तू मांग ले माफ़ी, 
   छप गया है ग़लत तो एडिट कर.
# लिखना पढ़ना तो सब को आता है,
   'बोल कर' ही तू सब को भ्रमित कर.

समाज
# आश्रमों से ये अब सबक मिलता,
   'भोग ख़ुद', दूसरो को वर्जित कर.
# "बाँध" रस्सी से "दिखला" गहराई!
    पेश्तर "डूबने" से uplift  कर!!
# "देश" पहले कि "धर्म" और "भाषा"?
  सोच ले, इसके बाद खिट-खिट कर.
# हिंदी-उर्दू है दो सगी बहने,
   एक गमले  ही में पल्लवित कर.
# "गांधी-गीरी" अगर चलानी है,
   'मुन्नाभाई' किसी को 'सर्किट' कर
# 'पीपली' को मिला नया जीवन,
  अब, तू 'बरगद' पे ध्यान केन्द्रित कर.
# 'सेक्स वर्कर' भी अब तो है 'उद्धोग',
  कर न, हड़ताल इसको "गर्भित कर".  
# 'चीनी कम' , उम्र हो गयी ज़्यादा,
  'बातों' से अब 'मिठास' सिंचित कर.

राजनीति

# 'मंदिर' 'अफज़ल' बड़े कि सत्ता-सुख!
  प्रकरण ऐसे सारे लंबित कर!!
#  "जूता मारे", गले लगा उसको,
  तू हरीफो को अपने विस्मित कर.
# जीतना है अगर चुनाव तुम्हे,
  बातें सारी कपोल- कल्पित कर.
# राजनीति से हो  'रजो-निवृत्त'?
  "राज्यपाली" से ख़ुद को नियमित कर.
स्वतंत्रता दिवस के महीने में 
अस्पतालों में 'फल' हुए तकसीम,
'सांसदों' को न इससे वंचित कर!
 [ तनख्वाह बढ़ा दे अल्लाह के नाम पर]
-मंसूर अली hashmi

2 comments:

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

क्या शोधपूर्ण रचना है. अनोखा रस मिला इसमें.

दिनेशराय द्विवेदी said...

आज तो आपने छक्के जड़ दिये हैं।