'आत्ममंथन' यानि .......... 'हाशमी उवाच' ! "बक रहा होश मैं हूँ सुन लीजे फिर कहाँ आप, हम कहाँ होंगे ?" ......Shaikh Mansoor ali Hashmi
बहुत उम्दा, क्या बात है!
बहुत खूब! हाशमी साहब!
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2 comments:
बहुत उम्दा, क्या बात है!
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