वो....ग्ग्या....
फिर आज इक दिन खो गया,
9 - 2 - 11 हो गया,
लौटा नही है, जो गया.
लो, नौ-दो-ग्यारह* हो गया,
पेचीदा कानूनों में फंस,
प्रतिष्ठा अपनी धो गया !
निर्णय ही देखो खो गया!
झंडे का वंदन हो गया,
आज़ाद पाके ख़ुद को फिर,
जागा ज़रा, फिर सो गया.
प्रतिष्ठा अपनी धो गया !
हंगामा मत बरपा करो,
जो हो गया सो हो गया.
'पिरामिडो' के देश का,
वो तो 'इकत्तीस मारखां' [Ruling since 31 years]
देखो तो फिर भी रो गया.
देखो तो फिर भी रो गया.
--mansoorali hashmi