Wednesday, January 19, 2011

JESSICA/ARUSHI

No One Killed Them







जेसिका/arushi

क्या हुआ गर  ये महफूज़ न रह सकी,
'फैसले' इनपे "रक्षित" रहेंगे सदा,
ज़िंदा रखेंगे इनको किताबों में हम,
छाया-चित्रों पे हम इनके होंगे फ़िदा. 
नोट:- {Pictures have been used for educational and non profit activies. If any copyright is violated, kindly inform and we will promptly remove the picture
-- mansoorali hashmi

7 comments:

Girish Kumar Billore said...

एक विचारणीय पोस्ट

दिनेशराय द्विवेदी said...

इतने कम शब्दों में इतनी बड़ी बात! बधाई!

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

मंसूर साहब
आदाब !

कम अल्फ़ाज़ में बात कहना तो आपकी ख़ासियत रही है …
इस क़त्ए में छुपा तंज़ काबिले-ग़ौर है । क्या कहने … !

~*~ हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !~*~

- राजेन्द्र स्वर्णकार

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

इसे कहते हैं गागर में सागर।

हार्दिक बधाई।

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ज्‍योतिष,अंकविद्या,हस्‍तरेख,टोना-टोटका।
सांपों को दूध पिलाना पुण्‍य का काम है ?

उम्मतें said...

मुद्दा बेहद फ़िक्र का है पर इंसान को क्या कहें वो तो खुद पे(को)ही ख़ाक डालता(करता)आया है !

वीना श्रीवास्तव said...

अच्छी पोस्ट..कम शब्दों का गहरा अर्थ

Bernard Crosby said...

Good bloog post