[सभी बलागर साथियो , भारतवासियों को ६७ वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई।]
नज़र आ रहा हर कोई हक़्क़ा-बक़्क़ा !
बड़ा 'नेता' उसका कोई 'सगा' !
ये ज़मीनी सौदों के मामले,
मेरा मुल्क इससे रहा ठगा.
जो 'कलश'* लिए था निकल पड़ा, *चेन्नई एक्सप्रेस
ले के १०० करोड़ भी न रुका !
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जो 'शतक' की और है बढ़ रहा,
वो 'प्याज़' हमको गया रुला.
जो कि'डूबना' ही तो था 'मदार'* *[काम/function,पर आधारित]
इसे* कौन काम लगा गया ??? *[INS सिन्धु पनडुब्बी को]
है 'चुनोती'* बोल के देखिये, *[मोदी की]
फतह* कौन करता यहाँ किला . *[स्वतंत्रता दिवस के भाषण में]
--mansoor ali hashmi
3 comments:
Ji Bilkul
नज़र आ रहा हर कोई हक़्क़ा-बक़्क़ा!
नज़र आ रहा हर कोई हक़्क़ा-बक़्क़ा !...Sateek!!
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