'आत्ममंथन' यानि .......... 'हाशमी उवाच' ! "बक रहा होश मैं हूँ सुन लीजे फिर कहाँ आप, हम कहाँ होंगे ?" ......Shaikh Mansoor ali Hashmi
बढ़िया है !
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बढ़िया है !
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