Sunday, October 11, 2009

This Time

अबकी बार ......
                                                                                                                            
'नो बोल' सा लगे है ये नोबल तो अबकी बार,

मंदी के है शिकार धरोहर* भी अबकी बार.

फिल्मों पे इस तरह पड़ी मंदी की देखो मार,
बनियाँ उतर चुका था गयी शर्ट अबकी बार.

कहते है अब करेंगे नमस्ते वो दूर से,
स्वाईन से बच गए, हुआ डेंगू है अबकी बार.

जिन्ना को याद करके तिजोरी भरी कहीं!
सूखा कहीं रहा कहीं सैलाब अबकी बार.

है राष्ट्र से बड़ा* वो जहाँ पर चुनाव है,
पहले थे चाचा शेर, भतीजा है अबकी बार.

परियां तो खिलखिलाती है, सुनते थे अब तलक,
देखा उड़न-परी* को बिलखते भी अबकी बार.


वो [bo] फोर्स लग गया की वो* बाहर निकल गए,
उनका समाप्त हो गया वनवास अबकी बार.

*वैश्विक संपदा
*महाराष्ट्र
*पी.टी. उषा
*क्वात्रोची
-मंसूर अली हाशमी



3 comments:

राज भाटिय़ा said...

वो [bo] फोर्स लग गया की वो* बाहर निकल गए,
उनका समाप्त हो गया वनवास अबकी बार.
बहुत खुब जनाब,
धन्यवाद

Smart Indian said...

वाह वाह, बहुत खूब!

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

वो [bo] फोर्स लग गया की वो* बाहर निकल गए,

सुन्दर कटाक्ष !