Friday, January 30, 2009

चन्द्र ग्रहण /Eclipsed Moon

कौन फिजा?, कैसा चाँद? #

चाँद पहले फ़िज़ा में गुम था कहीं
हर तरफ़ चाँदनी थी छिटकी हुई।
अब फ़िज़ा से ही गुम हुआ है चाँद
और फ़िज़ा रह गयी बिलखती हुई।  




#चंडीगढ़ से नक्षत्र-दर्शन

4 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया!!

Vinay said...

बहुत सुन्दर रचना

Udan Tashtari said...

क्या बात है..एकदम मौके पर...चाँद तो अब चन्द्र मोहन हो लेंगे.

हरकीरत ' हीर' said...

चाँद पहले फ़िज़ा में गुम था कहीं
हर तरफ़ चाँदनी थी छिटकी हुई।
अब फ़िज़ा से ही गुम हुआ है चाँद
और फ़िज़ा रह गयी बिलखती हुई....

सुभान अल्लाह क्या बात है....?