कौन ? आर.एस.एस.! ,C.I.A. !, पाकिस्तान ! OR ...?
हस्ती को जो अपनी यूं मिटा लेता है यारों,
Unknown को अण्णा वो बना देता है यारों.'जन-लोक' अगर बन नहीं पाया है तो हुशियार !
सैलाब वो जन-जन में उठा देता है यारों.
जन भावना राहत में हो, आह़त हो अगर तो,
सरकार बना देता, हटा देता है यारों.
अब 'राम की लीला' पे है अण्णा को भरोसा,
भ्रष्टो को जो आखिर में सज़ा देता है यारो !
--mansoor ali hashmi
5 comments:
सटीक!
देखना है जोर कितना भ्रष्टों के षड़यंत्र में है.....
सुंदर!
पर इस वक्त इस से कही बहुत अधिक की उम्मीद है।
बेहतरीन!
सदैव की तरह ही लाजवाब। तीखी धारदार हैं।
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