देल्ही- बेल्ली !
धूम मचेली.
समझ से बाहर,
'उलट' टपेली.
फेंकी 'मामू' ने,
'ईमू' ने झेली.
बात-बात में,
गाली पेली.
'shit' बिखराई,
'sheet' है मैली.
उड़ा कबूतर!
ख़ाली थैली.
अफरा-तफरी,
वोद्दी, येल्ली!
पढ़ी फ़ारसी,
बने है तेली.
गयी चवन्नी,
बची 'अदेली'.
'आत्ममंथन'
एक पहेली!
लिखी पोस्ट ,
और झट से ठेली.
--mansoor ali hashmi
5 comments:
जोरदार है हाशमी साहब। इसका 'कॉपीराइट' करवा लीजिएगा वरना 'मामू' इसे अपने काम में ले लेंगे।
मामूं भी एक किस्म के ब्लागर ही हैं ! यूं समझिए कि व्हाया यू ट्यूब / फिल्म ब्लागिंग करते हैं ! अब एक आध पोस्ट... :)
सुबह सवेरे
उफ़ ये पहेली
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शानदार पोस्ट है
आपकी पोस्ट देली बैली से कम रोचक नहीं...बहुत खूब मंसूर भाई...वाह
नीरज
Bahut Badhiya... Rochak rachna
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