अब यह करना है............
["अयोध्या पर फ़ैसला आने बाद...३०.०९.२०१०]
'इक' को कैसे 'तीन' करे, 'इन्साफ' से नापेंगे.
साठ साल तक लड़े है, अब दम थोड़ा ले-ले,
"रहनुमा" से अब तो अपने दूर ही भागेंगे.
धर्म, माल, कुर्सी या शौहरत किसकी चाहत है?
धर्म, माल, कुर्सी या शौहरत किसकी चाहत है?
किस-किस की क्या निय्यत थी यह ख़ुद ही आकेंगे.
चाक गरीबां है अपना और हाल भी है बेहाल,
फटे में अब दूजो के यारो हम न झाकेंगे.
तौड़-फौड़, तकरार किया, अब चैन से रहने दो,
निकट हुए मंजिल के अब तो ख़ाक न छानेगे.
*भूगोल= geoagraphy
mansoorali hashmi
mansoorali hashmi
14 comments:
जिनकी रोजी रोटी ही इन मुद्दों से चल रही है वो भला क्यों शांत होंगे.
उम्मीद ही की जा सकती है !
अब चैन से रहने दो...
Bahut Sahi Kaha aapne.
सुंदर व्यंग्य!!!
हमारे उस्ताद कहा करते थे " हिस्ट्री जाग्रफी बड़ी बेवफा / रात को रटो दिन को सफा " हम अब भी यही कर रहे हैं ।
हॉट सेक्शन अब केवल अधिक 'पढ़े गए' के आधार पर कार्य करेगा
ब्लॉग जगत में अच्छे लेखन को प्रोत्साहन की जगह केवल टिप्पणियों की चाह एवं गलत तरीकों से की गई टिप्पणियों के बढ़ते चलन की जगह अच्छी रचनाओं को प्रोत्साहन के प्रयास एवं रचनाओं को लोगों की पसंद के हिसाब से ही हॉट सेक्शन में लाने का प्रयास किया जा रहा है. हॉट सेक्शन के प्रारूप में बदलाव करते हुए अधिक टिप्पणियां वाला सेक्शन 'टिप्पणिया प्राप्त' हटा दिया गया है तथा अब यह सेक्शन 'पढ़े गए' के आधार पर कार्य करेगा.
अधिक पढने के लिए चटका (click) लगाएं:
हॉट सेक्शन अब केवल अधिक 'पढ़े गए' के आधार पर कार्य करेगा
अभी कहां मानने वाले हैं ये....अभी तो सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी बाक़ी है.
यदि मान जाय तो दुकानदारी कैसे चलेगी ??
बहुत सटीक!
samayanukool baat
Shukriyaa
बहुत सही।
आप देश के जनगण को स्वर प्रदान कर रहे हैं।
शुभकामनाएं !
साठ साल तक लड़े है, अब दम थोड़ा ले-ले,
"रहनुमा" से अब तो अपने दूर ही भागेंगे.
Post a Comment