Wednesday, July 10, 2013
Saturday, July 6, 2013
कैसा यह "घाव" लगा ?
कैसा यह "घाव" लगा ?
'नारी' के बिन भी 'काम' का प्रयास किया है,
नारी की अस्मिता की 'हिफाज़त' ही की खातिर,
'हेट्रिक' से ठीक पहले ही 'संन्यास' लिया है.
'जोरू' तो साथ दे रही; 'ज़र'* तो चला गया ! *[वित्त मंत्रालय]
हाए ! ये अंतिम उम्र में कैसा गज़ब हुआ !!
-- mansoor ali hashmi
litrature, politics, humourous
Face of BJP,
Raghav ji,
Sodomy
Subscribe to:
Posts (Atom)