मानसर = मान सरोवर [ मनसूर ]
गिरता हुआ स्तर नज़र, आया है शिष्टाचार में,
'विद्यार्थी' शिक्षक से अब कहता है, मेरी 'मान Sir'.
'सागर' भी कहते 'झील' को, कोई 'नहर' तो 'मानसर',
'बहना' ही है इसका चरित्र, सर-सर-सरर, सर-सर-सरर.
'मानस' 'सरोवर' से मिला, ज्ञानी बना, जीवन सफल,
दुःख सह के जो 'तीरथ' गया, है कामयाब उसका सफ़र.
'मन्सूर' का भी लक्ष्य है, जीवन 'सरोवर' सा रहे,
ठहराव न आये कभी, कितनी भी मुशकिल हो डगर.
[मिलता उधार है यहाँ, शर्ते बड़ी आसानतर,
ले-ले क्रेडिट कार्ड और, तू एश से करना बसर.]
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mansoor ali hashmi
9 comments:
क्या खूब कहा आपने.... जीवन का झरना है मानसर
बहुत सुंदर!
बहुत खूब हाशमीजी। कहने का सलीका और तरीका कोई आपसे सीखे।
Beautifully written, hum aapko 'man' hi gaye 'sir'.
Beautifully written, hum aapko 'man' hi gaye 'sir'.
मानस का मोती नहीं ये तो "मानसर" से "मोती" तलाश के लाए हैं आप...
बहुत खूब...
सहमत !
जीवन समन्दर सा रहे!
आप जो भी विषय हो, जान डाल देते हैँ!
gagar mein sagar.thoday mein bahut kuchh keh jate hain aap
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