कुंबा है मेरा देश, मैं सरदार इसका हूँ!
पैमाना भर गया है? मुझे कुछ पता नही !
लाखो करोड़ कम है? कुछ और लिजीयेगा!
खाली हुआ खज़ाना ? मुझे कुछ पता नही !
कुछ 'LEAK' हो गया है,कुछ और 'LEAK' होगा.
टपके गा कौन अबकी ? मुझे कुछ पता नही !
अब 'चि' भी बोल उठे है, "उत्तर नहीं पसंद",
'उसका निजी ख्याल' , मुझे कुछ पता नही !
'बाबा' को दिख रहा है; 'काला' क्यूँ हर तरफ?
'बा' से करो सवाल, मुझे कुछ पता नही !
अब 'जेटली' की केटली में आ रहा उबाल,
"मौक़ा परस्ती" क्या है? मुझे कुछ पता नही!
मंसूर अली हाश्मी