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Saturday, February 14, 2009

Valentine Day

वेलेंटाइन डे

तितलियों के मौसम   में  चद्दिया उडाई है,
कौन आज गर्वित है,किसको शर्म आयी है?

घात इतनी 'अन्दर'तक किसने ये लगायी है?
संस्कारो की अपने धज्जियां उड़ाई है।

रस्म ये नही अपनी,फ़िर भी दिल तो जुड़ते है,
रिश्ता तौड़ने वालों कैसी ये लड़ाई है!

दिल-जलो की बातों पर किस से दुशमनी कर ली!
ये बहुएं कुल की है, कल के ये जमाई है।

चद्दियां जो आई है,ये संदेश है उसमे,
लाज रखना बहना की, आप उनके भाई है।

प्यार के हो दिन सारे, ये मैरी तमन्ना है,
वर्ष के हर एक दिन की आपको बधाई है।

-मन्सूर अली हाशमी