Showing posts with label Expectations. Show all posts
Showing posts with label Expectations. Show all posts

Tuesday, August 23, 2011

Whitewashed !


धोए गए कुछ ऐसे कि बस साफ़ हो  गए !

धोए गए बुरी तरह इस मानसून में,
वैसे भी तर-ब-तर* तो थे इस माहे जून में.

[*बहुत सारी जीत और पैसा कमाया था पिछले ही महीने [जून] तक ]

चारो गँवा के बैठ गए अबतो खाली हाथ,
आता नहीं है जोश क्यूँ अब अपने खून में.

एक 'सैंकड़ा' सचिन अगर ले आता साथ में,
ख़ुश होके भूल जाते सभी कुछ  जुनून में.

बल्ले नहीं चले मगर इस बार गेंद भी,
'गोरो' को लग रही थी  Honey जैसी  Moon में.

अपनी अपेक्षाए ही हमको तो 'छल' गई,
हम है कि ढूँढते है उसे कोई  Goon*  में.          *ठग 
 
--mansoor ali hashmi