Tuesday, June 18, 2013

बरसात का क़हर !

बरसात का क़हर !

''श्रम'' , 'चौरासी साला' की उमर में !   
न था बच्चा जवाँ क्या कोई घर में ?
बिना मुंडवाए ही सर; आ गिरा है,
हमारे 'शीश' पर 'ओला', खबर है !





















-- mansoor ali hashmi 

4 comments:

सुज्ञ said...

यथार्थ!!

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

सही कहा आपने.

यहां तो सि‍र मूंडते मूंडते भी ओले गि‍रा गई सरकार

Udan Tashtari said...

सत्य वचन!!

वीना श्रीवास्तव said...

एकदम सही....