Saturday, July 14, 2012

मान सरोवर [Mansoor's OVER !]

मानसर = मान सरोवर  [ मनसूर ]

[लिक्खे है ये 'वडनेरकर', शब्दों का कर लीजे सफ़र......‘मानसर’ की खोज में..










'तिब्बत' में है , 'जम्मू' में भी प्रसिद्द झीले 'मानसर',
साझी विरासत देखिये, आधी इधर-आधी उधर.

गिरता हुआ स्तर नज़र, आया है शिष्टाचार में,
'विद्यार्थी' शिक्षक से अब कहता है, मेरी 'मान Sir'.

'सागर' भी कहते 'झील' को, कोई 'नहर' तो 'मानसर',
'बहना' ही है इसका चरित्र, सर-सर-सरर, सर-सर-सरर. 

'मानस' 'सरोवर' से मिला, ज्ञानी बना, जीवन सफल, 
दुःख सह के जो 'तीरथ' गया, है कामयाब उसका सफ़र.

'मन्सूर' का भी लक्ष्य है, जीवन 'सरोवर' सा रहे,
ठहराव न आये कभी, कितनी भी मुशकिल हो डगर.


[मिलता उधार है यहाँ, शर्ते बड़ी आसानतर,
ले-ले क्रेडिट कार्ड और, तू एश से करना बसर.]
Note: {Pictures have been used for educational and non profit activies.
If any copyright is violated, kindly inform and we will promptly remove the picture.
mansoor ali hashmi 

9 comments:

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

क्या खूब कहा आपने.... जीवन का झरना है मानसर

दिनेशराय द्विवेदी said...

बहुत सुंदर!

विष्णु बैरागी said...

बहुत खूब हाशमीजी। कहने का सलीका और तरीका कोई आपसे सीखे।

THE HASHMIES said...

Beautifully written, hum aapko 'man' hi gaye 'sir'.

THE HASHMIES said...

Beautifully written, hum aapko 'man' hi gaye 'sir'.

अजित वडनेरकर said...

मानस का मोती नहीं ये तो "मानसर" से "मोती" तलाश के लाए हैं आप...
बहुत खूब...

उम्मतें said...

सहमत !

Gyan Dutt Pandey said...

जीवन समन्दर सा रहे!
आप जो भी विषय हो, जान डाल देते हैँ!

Suresh said...

gagar mein sagar.thoday mein bahut kuchh keh jate hain aap