Monday, September 13, 2010

येब्बात है........!


येब्बात है........!
[आज तक का non-commercial(?)  धार्मिक Sting Operation!!!]

लो 'बाबा' को भा गयी इक 'बेबी' है फिर से,
मतलब नहीं वह आयी 'इधर' से या 'उधर' से.

'काला' 'सफ़ेद' होना गो मुश्किल बहुत मगर, 
'श्रद्धेय' इसे करते है बस बाएं ही 'कर' से.


टेंडर की ज़रूरत नहीं 'ठेकों' के वास्ते,
'श्रद्धा' के 'सुमन' लाईये भक्ति की 'डगर' से.

आतंकियों की ख़ैर नहीं अबतो देश में,
'महाराज' ढूँढ़ लाएंगे 'संजय' की नज़र से.  

निपटाना हो किसी को तो Gun की नही ज़रूर,
हो जाएगा ये काम अब 'काली' के कहर से.


यह Media  भी ख़ूब गज़ब करता है यारों,
'आश्रम' को भी करता है 'हरम' अपने हुनर से.

दर्शक भी भक्त भी सभी लगते ठगे-ठगे,
T.R.P.  चढ़ी तो 'गुरुजन' के असर से.

mansoorali hashmi

6 comments:

उम्मतें said...

बेबी पर फिसले सो साबित हुआ कि बाबा में इंसानियत अभी बाकी है :)

Majaal said...

ऐसे महात्माओं से देश ग्रसित है,
इधर से उधर से, जाने किधर किधर से ..

देवेन्द्र पाण्डेय said...

वाह क्या बात है!
यह Media भी ख़ूब गज़ब करता है यारों,
'आश्रम' को भी करता है 'हरम' अपने हुनर से
वाह! वाह! वाह!

दिनेशराय द्विवेदी said...

तंज शानदार है। बधाई!!!

Parul kanani said...

jey baaaaaaaat :)

ASHOK BAJAJ said...

बहुत सुन्दर पोस्ट .